जबलपुर। रंग-गुलाल, तरह-तरह की आकर्षक पिचकारी के साथ ही कई प्रकार के मुखौटे। होली आने वाली है इसकी सूचना बाजार की रौनक को देखते ही मिल जाती है। हर बार की तरह इस बार भी बाजार तो सजा है मुखौटे, रंग-गुलाल भी हैं लेकिन खरीदारों की संख्या बहुत कम दिख रही है। बाजार में लोग पहुंच तो रहे हैं लेकिन जैसी रौनक होना चाहिए वैसी नहीं है। पहले से ही लॉकडाउन की मार झेल रहे व्यापारियों के चेहरे माहौल को देखकर उतरे हुए नजर आ रहे हैं।
ग्राहकों की कमी से व्यापारी मायूस: व्यापारियों का कहना है कि इस पूरा साल यही हाल दिख रहा है। जो बहुत ही जरूरी सामान हैं लोग बस उन्हें ही ले रहे हैं। ग्राहकी अपेक्षाकृत बहुत कम है।त्योहारों से थोड़ी उम्मीद रहती है लेकिन इस बार तो त्योहार आने के पहले ही फिर से कोरोना का संक्रमण बढ़ने की खबर आ गई। जिसने सारे उत्साह पर पानी फेर दिया। कुंदन राठौर ने बताया कि होली पर इस बार क्या ट्रेंड रहेगा। नई पिचकारियों का क्या क्रेज है, कौन सा माल मंगवाना है यह सारी तैयारियां महीने भर पहले से शुरू हो जाती हैं। सोचा था कि स्थिातियां सुधरी तो होली पर थोड़ी कमाई हो जाएगी। लेकिन एक बार फिर कोरोना संक्रमण की खबर ने हम व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। अधिकांश लोग रविवार को ही बाजार आते हैं। रविवार को लॉकडाउन करने से बाजार के माहौल पर बहुत असर पड़ा है। रात में भी जल्दी दुकाने बंद करना पड़ती हैं।
मिठाइयाें की दुकानें भी फीकी: सिर्फ रंग-गुलाल ही नहीं मिठाइयाें की दुकानों के भी हाल अच्छे नहीं हैं। मिठाई व्यापारी चंदन असरानी ने बताया कि लोगों ने सोच लिया है कि घर पर ही मिठाई वगैरह बनाना है। बाजार से नहीं लेना है। कुछ ही लोग हैं जो बाजार से मिठाई-नमकीन ले रहे हैं।