Logo
ब्रेकिंग
रांची एक्सप्रेस के ब्यूरो चीफ अनिल विश्वकर्मा के पिता महेश विश्वकर्मा का निधन आखिर क्यों एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाने जाते हैं रामगढ़ के नए थाना प्रभारी प्रमोद सिंह? रामगढ़ पुलिस ने तीन तस्कर को किया गिरफ्तार, बिहार जारही लाखों कि शराब व दो वाहन जप्त भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ने लोकसभा एवं विधानसभा में भाग लेने वाले वालेंटियर से जाने मतदान के अनुभव भाजपा नेता अनिल टाइगर ह*त्या के विरोध में विधानसभा के बाहर बीजेपी का विरोध प्रदर्शन भाजपा नेता अनिल टाइगर की ह*त्या के विरोध में रांची हुआ बंद, भाजपा नेता प्रतुल शहदेव गिरफ्तार झारखंड का ऐसा मंदिर, जहां महिलाओं के प्रवेश पर हैं रोक भगवान पर चढ़ती है शराब,100 वर्षों से हो रही प... राधा गोविंद यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह में 1152 स्टूडेंट्स को मिला शैक्षणिक प्रमाण पत्र राधा गोविंद विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह 9 मार्च को ,1150 विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी... अवैध नकली शराब फैक्ट्री हुआ भंडाफोड़, करीब 30 लाख रुपए का अवैध शराब जप्त

आइडीए की योजनाओं में प्लाट की दर व्यवसायिक क्यों, गाइडलाइन पर सवाल

इंदौर। जिला मूल्यांकन समिति द्वारा शहर में संपत्ति व जमीनों की प्रस्तावित नई गाइडलाइन पर कांग्रेस ने आपत्ति दायर कर दी है। कांग्रेस ने 13 बिंदुओं के आधार पर सवाल दागे हैं और सुझाव भी दिए हैं। कांग्रेस नेताओं ने जिला मूल्यांकन समिति के संयोजक और जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे से मिलकर प्रस्तावित गाइडलाइन पर लिखित सुझाव व आपत्ति पत्र सौंपा।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के साथ विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और अभिभाषक प्रमोद द्धिवेदी जिला पंजीयक से मिलने पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कोरोना काल में बैंकों की ब्याज से लेकर तमाम जगहों पर राहत दी जा रही है ऐसे में संपत्ति की मूल्यवृद्धि कर सरकार लोगों पर बोझ क्यों डालना चाह रही है। गाइडलाइन में लिफ्ट को विलासिता की श्रेणी में रखा गया है। हर क्षेत्र व हर तरह के निर्माण की लागत एक समान निर्धारित की है। यह पूरी तरह गलत है।
विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं के भूखंडों की दर व्यवसायिक क्यों रखी गई है। ग्रीन बेल्ट और ऐसी कृषि भूमि जिसका मास्टर प्लान में व्यवसायिक या अन्य प्रयोजन का रखा गया है दोनों की एक ही दर प्रस्तावित की गई है। यह पूरी तरह गलत और अव्यवहारिक है। गाइडलाइन से संपत्ति का मूल्य अधिक होने पर तो पंजीयन में व्यवस्था है लेकिन अगर कम मूल्य है तो व्यवहारिक मूल्य पर रजिस्ट्री की व्यवस्था नहीं है। यह दोहरा मापदंड कैसे रखा जा सकता है।
कांग्रेस नेताओं ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने 78 गांवों को नगर सीमा में शामिल करने का नोटिफिकेशन तो अभी जारी किया लेकिन प्रस्तावित गाइडलाइन में इन गांवों की संपत्ति के भाव पहले से बढ़ा दिए गए ऐसे कैसे हो सकता है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गाइडलाइन के प्रस्ताव आम व्यक्ति के लिए घर का सपना मुश्किल और महंगा करने वाले हैं। ऐसे में इनमें संशोधन करते हुए इन्हें व्यवहारिक किया जाना चाहिए।