Logo
ब्रेकिंग
ले*वी के लिए ठेकेदारों को धम*की देने वाले पांडे गिरोह के चार अपरा*धी गिर*फ्तार रामगढ़ पुलिस ने लेवी के लिए हमले की योजना बना रहे मुखलाल गंझु को हथियार के साथ किया गिरफ्तार बालू खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर 1 हाईवा वाहन को किया गया जब्त, प्राथमिकी दर्ज। जरुरतमंदों व गरीबो के लिए 31 अगस्त से शुरू होगा "खाना बैंक" इनलैंड पॉवर लिमिटेड ने कई विद्यालय को दिए वॉटर प्यूरीफायर, सेनेटरी पैड व लगाए पौधे Congress प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का जिला अध्यक्ष जोया परवीन ने किया स्वागत Kids world स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी कलर बेल्ट कराटे ग्रेडेशन के दौरान प्रतिभागियों ने कराटे के तकनीकों का प्रदर्शन किया! सांसद मनीष जायसवाल ने मंडईखुर्द वासियों से किया वादा निभाया Royal mens parlour का बरकाकाना मार्केट कांप्लेक्स में हुआ उद्घाटन!

श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ देशभर के मान्यता प्राप्त केंद्रीय श्रम संगठनों ने विरोध दिवस मनाया

इंटक, सीटू, एटक एकटु एचएमएस आईयूटीयूसी जैसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया

जमशेदपुर : श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ देशभर के मान्यता प्राप्त केंद्रीय श्रम संगठनों ने आज राष्ट्रीय विरोध दिवस मनाया. वैसे इसमें इंटक, सीटू, एटक एकटु एचएमएस आईयूटीयूसी जैसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया.


जमशेदपुर के साक्षी स्थित गोल चक्कर पर प्रदर्शन के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला जहां इन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण कोल्हान में भी नियोक्ताओं ने तालाबंदी, छटनी, अनिवार्य सेवानिवृत्ति, वेतन कटौती, डीए फ्रीज, पीएफ विसंगतियां, काम के घंटे में वृद्धि जैसे कई मजदूर विरोधी कानून बनाकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का शोषण कर रहे हैं. दूसरी ओर जल्दबाजी के साथ संसद में पारित किए गए श्रम कानून के कारण 74 फ़ीसदी से अधिक औद्योगिक श्रमिक और 70 फ़ीसदी औद्योगिक प्रतिष्ठानों में मजदूरों  के कानूनी अधिकार सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा को रौंदे जाने का आरोप इन्होंने लगाया. वहीं कृषि बिल के सम्बंध में इन्होंने बताया कि यह भी एक कला कानून है. इसके माध्यम से केंद्र सरकार अपने कारपोरेट आकाओं को संतुष्ट करने के लिए मजदूर और किसान दोनों को कारपोरेट के गुलाम बनाने में लगे हुए हैं. इन्होंने बताया मजदूर और किसान ही वास्तव में देश के लिए जीडीपी का उत्पादन करते हैं. वैसे इन्होंने साफ कर दिया है, कि अब हर स्तर पर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया जाएगा जिसका शंखनाद कोल्हान से शुरु हो चुका है.