क्या मालोनी क्लब निवासी 19 वर्षीय युवक अनिकेत ने रामगढ़ थाने के हाजत में लगाई फांसी?
या फिर पुलिस की मारपीट से हुई महेंद्र राम के पुत्र अनिकेत की मौत ?
आखिर अनिकेत के मौत की असली वजह क्या है, यह तो विशेष टीम और न्यायिक जांच प्रक्रिया के बाद ही पता चल पाएगा l लेकिन अनिकेत की मौत के बाद से राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है और विपक्ष झारखंड सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गए हैं l
यह मामला झारखंड के रामगढ़ जिला अंतर्गत रामगढ़ थाना क्षेत्र का हैं l
जहां चोरी के मामले में पूर्व में चार्जसीटेट रहे रामगढ़ थाना क्षेत्र के मालोनी क्लब निवासी 19 वर्षीय युवक अनिकेत कुमार
को चैंबर भवन में हुई चोरी में उसकी संलिप्तता को देखते हुए पूछताछ के लिए रामगढ़ थाना लाया गया l जहा हाजत में उसकी मौत हो जाती है l
जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी मच गई l
एक ओर पुलिस का कहना है कि अनिकेत ने हाजत में फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई है पुलिस के अनुसार अनिकेत कुमार को पूछताछ के लिए बुधवार की रात थाने लाया गया l देर रात हो जाने की वजह से उससे ज्यादा पूछताछ नहीं हो पाई l उसे हाजत में रखा गया इस बीच उसने हाजत में पुलिस द्वारा दिए गए कंबल को फाड़कर शौचालय में आत्महत्या कर ली l हालांकि इसके विपरीत मृतक अनिकेत कुमार के पिता महेंद्र राम, मां रीना देवी और भाई ने पुलिस पर मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया, कहा कि पुलिस के मारपीट से ही अनिकेत की मौत हुई हैं उन्होंने इस मामले की जांच कर दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई की मांग कि हैं l
हलाकि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गठित मेडिकल टीम ने अनिकेत के शव का पोस्टमार्टम किया, रांची से फॉरेंसिक डिपार्टमेंट की टीम रामगढ़ थाने पहुंची सैंपल को कलेक्ट कर लिया l वही इस पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम भी कर रही है साथ ही विभागीय स्तर पर भी अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है l
अब विशेष टीम की जांच और न्यायिक प्रक्रिया के बाद ही इस मामले का खुलासा हो पाएगा l
लेकिन इधर अनिकेत की मौत के बाद पूरे राज्य में सियासी हलचल देखने को मिल रही है और विपक्ष इस मुद्दे पर झारखंड सरकार को घेरने में जुट गई है l गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी मृतक अनिकेत के परिजन से मिलने उसके घर पहुंचे, परिवार को सांत्वना दिया l वही सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने पुलिस पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाते हुए झारखंड सरकार के कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया हैं साथ ही मृतक के परिजन को झारखंड सरकार से एक नौकरी और 50 लाख रुपए का मुआवजा देने कि मांग कि हैं l