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पंजाब रेजिमेंटल सेंटर रामगढ़ द्वारा मियावाकी तकनीक से किया गया पौधारोपन

इस साल पंजाब रेजिमेंटल सेंटर में दो जगहों पर करीब 2000 पौधे रोपे गए

रामगढ़ : सेना को हमेशा ही स्वच्छ पर्यावरण के लिए योगदान देने की दिशा में अनूठी पहल करने के लिए जाना जाता है. पंजाब रेजिमेंटल सेंटर मियावाकी नामक जापानी तकनीक के माध्यम से एक साल के कम समय में सफलतापूर्वक एक छोटा जंगल बनाया. पायलट प्रोजेक्ट को मानसून के दौरान तीन जगहों पर बेकार और जलमग्न हुए स्थान पर शुरू किया गया था. पिछले साल जुलाई के महीने में सीताफल, आंवला, अमरूद, जामुन और टीक जैसी कई जातियों के 1245 पौधे लगाया गये थे. एक करीबी अनुवर्ती कार्रवाई, निराई और नियमित रूप से पानी देना, इन पौधौ का पोषण किया और 98% से अधिक जीवित रहने की दर हासिल की जा सकती है. 8 से 10 इंच के पौधे के रूप में जो शुरू हुआ था, अब दो से चार फीट लंबा पेड़-पौधे लगाए जा रहे है.
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक पेड़ लगाना और आज की युवा पीढ़ी में पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित करना है. इस साल पंजाब रेजिमेंटल सेंटर में दो जगहों पर करीब 2000 पौधे रोपे गए. इस आयोजना में अधिकारियों, परिवारों और स्कूली बच्चों ने इस तकनीक के ज्ञान को बढ़ाने, पेड़ लगाने के बारे में और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से भाग लिया. केंद्र ने स्थानीय मारवाड़ी युवा मंच को भी इस प्रयास में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. युवा मंच के 20 स्वयंसेवक भी शामिल हुए थे और 400 पौधे लेकर आए थे.