पीआरसी के ब्रिगेडियर ने पहली बार सैन्य कैम्प के स्कूली बच्चों को अंडरग्राउंड माइन्स का कराया भ्रमण
Ramgarh/News lens:रामगढ़ स्थित पंजाब रेजिमेंटल सेंटर के ब्रिगेडियर ने पहली बार सैन्य कैम्प के स्कूली बच्चों को आज भुरकुंडा के अंडरग्राउंड माइन्स का कराया शैक्षणिक भ्रमण,,,,कहा मैंने भी पहली बार किसी माइंस को नजदीक से देखा है इससे सभी लोगो के बीच भाईचारगी बढ़ती है तथा बच्चे किताबी ज्ञान से बच्चे ऊपर उठकर प्रैक्टिकल में दुनियां को जानते हैं जिससे इनकी लर्निंग भी कंप्लीट होती है।
रामगढ़ जिले में स्थित पंजाब रेजिमेंटल सेंटर के ब्रिगेडियर ने आज पहली बार सैन्य कैंप के अंदर पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को लेकर कोयलांचल भुरकुंडा के एक प्रमुख अंडरग्राउंड खदान का शैक्षणिक भ्रमण करवाया। बच्चों के इस शैक्षणिक भ्रमण में सीसीएल के अधिकारियों ने भी भरपूर सहयोग किया। बच्चे खदान के अंदर हेलमेट और हाथों में टॉर्च लिए घुसे थे जो एक कौतूहल का विषय बना हुआ था क्योंकि कोइलरी के नजदीक रहते हुए भी ये बच्चे पहली बार खदान देखने आए थे। अंडरग्राउंड माइन्स के भीतर सीसीएल के लोगो ने बच्चों को कोयले की सिम को दिखाते हुए इसके उपयोग के बारे में जागरूक किया।
इस मौके पर पंजाब रेजीमेंट सेंटर के ब्रिगेडियर ने बताया कि बच्चों को हम लोग किताबी पढ़ाई करवाते हैं लेकिन बच्चों को अगर समझदारी करवानी है तो जरूरत इस बात की है कि वह कुछ प्रैक्टिकल देख सके क्योकि उसके साथ-साथ थोड़ी फिजिकल एक्टिविटी होती है थोड़ी समझदारी बेहतर होती है जिससे आपस में भाईचारगी बढ़ती है तथा कंपटीशन भी बढ़ता है जिसका बहुत एडवांटेज होता है, आज हम उन सभी चीजों को कंबाइंड करके सीसीएल के माइंस में लेकर आए हैं, सीसीएल के हम बहुत शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने संडे के दिन समय निकाला हमारे बच्चों को दिलचस्पी के साथ ब्रीफ किया, मेरी खुद की उम्र 51 साल है जिसमें मैं पहली बार यहाँ आया हूं और यह सारे बच्चे भी पहली बार ही आए हैं, मेरा अनुभव है कि जब तक इस बात की चीजों को जमीन में जाकर ना देखें तब तक हमारे लर्निंग इनकंप्लीट रहती है इससे मेरा मकसद जरूर पूरा हुआ है।
मौके पर सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी ने बताया कि यह बच्चे पहले से ही माइंड्स देखने के लिए परमिशन लेकर गए थे क्योंकि ये बगल में रहते हुए भी अभी तक माइंस और कोइलरी नहीं देखे थे, देखने के बाद इनको बहुत अच्छा लगा आज संडे होने की वजह से इनको एलाऊ किया गया था क्योंकि आज कोई वर्किंग नहीं है, बच्चे काफी इंजॉय किये और जागरूक भी हुए।
शैक्षणिक माइंस भ्रमण में गए स्कूली बच्चों ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक अंकल ने मुझे इंस्ट्रक्ट किया और बताया कि कहां पर कोल है या नहीं, हम कोल माइंस में गए और अंडरग्राउंड को भी देखा उसके अंदर कोयले को भी देखा, हमें कैप और लाइट दिया गया था जिससे अंधेरा नहीं हो मैं पहली बार गई थी।
एक अन्य स्कूली बच्ची ने कहा हम रामगढ़ कैंट से आए हैं हमने देखा कि कोल अंदर कैसे रहता है और उसके साथ हम लोग क्या-क्या प्रोडक्शन कर सकते हैं और हमारे लाइफ लाइन में यह कैसे यूज़ होता है।
एक और स्कूली बच्चे ने कहा की कोल कैसे यूज़ होता है और कैसे बनता है यहां पर हम लोगों ने देखा और इसका बहुत जगह पर उपयोग होता है जैसे इलेक्ट्रिसिटी के लिए, माइंस के अंदर कोई फंस जाता है तो उसके लिए अंदर में पूरी सिक्योरिटी सिस्टम उपलब्ध है।
बच्चों को छुट्टी के दिन शैक्षणिक भ्रमण के दौरान पहली बार कोल् अंडरग्राउंड माइंस दिखाकर पंजाब रेजिमेंट के ब्रिगेडियर ने देश के प्रधानमंत्री के उस सपने को साकार किया है जिसमे अगली पीढ़ी के रूप में स्कूली बच्चों का किताबी ज्ञान के साथ बौद्धिक विकास होना जरूरी है तभी हम विश्व मे अग्रणी बन सकते हैं।