नई दिल्ली। सरकार ने पारदर्शिता को बेहतर करने के लिए कंपनियों को अब अपने क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन का खुलासा करने को कहा है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी कानून में ऑडिट, ऑडिटर और खातों से संबंधित विभिन्न नियमों में बदलाव किया है। कंपनी कानून का क्रियान्वयन करने वाले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को इन बदलावों को अधिसूचित कर दिया।
ये बदलाव एक अप्रैल से प्रभावी होंगे। कंपनी कानून-2013 की अनुसूची तीन में बदलाव के अलावा खुलासा अनिवार्यताओ को बढ़ाया गया है। इसमें क्रिप्टो करेंसी में कंपनी के लेनदेन का ब्योरा भी शामिल है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर कंपनियां क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करती हैं, तो इस मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह जानकारी दी जानी चाहिए कि इस तरह की व्यापार गतिविधियों से कितना पैसा बनाया गया है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने पर बातचीत चल रही है। इसके अलावा इसकी ट्रेडिंग, माइनिंग, ट्रांसफर और होल्डिंग को कानूनन अपराध बनाया जा सकता है। सरकार ऐसे बिल पर काम कर रही है। बिल में क्रिप्टोकरंसीज धारकों को इसे लिक्विडेट करने के लिए छह महीने तक का समय मिलेगा, इसके बाद पेनल्टी लगाई जाएगी। बिल को कानून बनाने में बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि सरकार के पास संसद में पूर्ण बहुमत है। गौरतलब है कि RBI ने पिछले दिनों क्रिप्टोकरेंसी के असर को लेकर चिंता जताई थी और सरकार को इससे अवगत कराया था। RBI ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी से देश की इकोनॉमी की वित्तीय स्थिरता प्रभावित हो सकती है।