Logo
ब्रेकिंग
झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय दुलमी का मंत्री रामदास सोरेन ने किया उद्धघाटन। हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल की संसदीय सत्रों में पहली ही बार में बेमिसाल उपलब्धि गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा रामगढ़ के लगातार दूसरी बार प्रधान बने परमिंदर सिंह कालरा एलपी ट्रक ने स्कूली बच्चों से भरी ऑटो को मारी टक्कर । चार की मौत , आधा दर्जन बच्चों की हालत नाजुक ... पुलिस एसोसिएशन रामगढ़ शाखा का चुनाव संपन्न, मंटू अध्यक्ष और अनंत बने सचिव प्रेस क्लब रामगढ़ के भवन में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत पिछड़े वर्ग की जातियों के अध्ययन को लेकर उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में ... अकादमी संगीत की शिक्षा और कला को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है सुधीर मंगलेश ब्रेन हेमरेज से पीड़ित पिता के इलाज लिए आर्थिक सहायता देने कि मांग Monginis Cake Shop अब आपके शहर रामगढ़ में, Anshu plaza, नईसराय

Indian Railways: एसी थ्री टायर इकोनामी का पहला सबसे सस्‍ता कोच बनकर हुआ तैयार, जानें इसकी खूबियां

नई दिल्ली। रेलवे का पहला एसी थ्री टायर इकोनामी का पहला कोच बनकर तैयार है। इसे वातानुकूलित रेल यात्रा का दुनिया का सबसे सस्ता और सर्वश्रेष्ठ पर्याय बताया जा रहा है। कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में बने इस एलएचबी कोच को अब आगे के ट्रायल के लिए लखनऊ स्थित अनुसंधान, डिजायन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) भेजा जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इन कोचों का किराया कम होगा और यह वर्तमान एसी थ्री टायर और नान एसी स्लीपर के बीच होगा। इसकी परिकल्पना रेल कोच फैक्ट्री ने की थी और इसके डिजायन पर अक्टूबर, 2020 में युद्धस्तर पर काम शुरू हुआ था।

इस तरह किया गया कोच में बदलाव

इसमें बर्थ की संख्या 72 से बढ़ाकर 83 कर दी गई है। हर नए कोच में ज्यादा चौड़े और एक दिव्यांग अनुकूल प्रवेश द्वारा वाला टायलेट दिया गया है। यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर कई सुधार किए गए हैं जैसे हर बर्थ के लिए एसी वेंट उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा दोनों तरफ फोल्डिंग टेबल और बोटल, मोबाइल फोन व मैग्जीन होल्डर्स भी उपलब्ध कराए गए हैं। हर बर्थ के लिए पढ़ने के लाइट और मोबाइल चार्जिग प्वाइंट भी लगाए गए हैं। मिडिल और अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी का डिजायन बदला गया है। वर्तमान और आगामी वित्त वर्ष में फैक्ट्री की योजना 248 ऐसे कोच तैयार करने की है।

83 सीटों का कोच बनाने के लिए केबिन को पहले की तुलना में थोड़ा छोटा किया जा रहा है, वहीं बेड रोल रखने वाली जगह को भी सीट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस तरह 11 सीटें एक डिब्बे में अधिक हो रही हैं। इस तरह 20 डिब्बों की ट्रेन में 220 सीटें अतिरिक्त हो जाएंगी।

इससे जहां लोगों को वेटिंग से छुटकारा मिलेगा, वहीं रेलवे की आमदनी भी बढ़ेगी। नए कोच के डिजाइन में प्रत्येक ट्रेन में 220 यात्री अधिक सफर कर सकेंगे। डिब्बों के आकार में बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि सीटों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। इन हाईस्पीड ट्रेनों में स्लीपर कोच की मांग कम होती जाएगी, क्योंकि इन ट्रेनों में एसी क्लास के ही डिब्बे लगेंगे। इसके पीछे तर्क यह है कि स्लीपर क्लास में खिड़की खोली जाती है, जिससे ट्रेन की स्पीड पर असर पड़ता है

गौरतलब है कि वंदे भारत एक्सप्रेस की तर्ज पर अन्य ट्रेनों को भी 130 या 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ाने की योजना है। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना है। इसके लिए कोच में भी बदलाव किया जा रहा है।