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झारखंड: जानें कौन थे भगवान बिरसा मुंडा, जिनकी जयंती पर राज्य मनाता है स्थापना दिवस ।

15 नवंबर को राज्य का स्थापना दिवस मनाने के पीछे का प्रमुख कारण यह भी है कि इसी दिन आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की भी जयंती मनाई जाती है। उन्हें भगवान बिरसा भी कहते है।

झारखंड राज्य आज 15 नंवंबर को अपना 22वां स्थापना दिवस मना रहा है। झारखंड की स्थापना वर्ष 2000 में संसद द्वारा पारित बिहार पुनर्गठन अधिनियम एक्ट 2000 के तहत बिहार राज्य से अलग कर देश के 28वें राज्य के रूप में हुई थी। इस एक्ट के पारित होने से पहले झारखंड बिहार राज्य का एक बड़ा भू-भाग हुआ करता था।
15 नवंबर को राज्य का स्थापना दिवस मनाने के पीछे का प्रमुख कारण यह भी है कि इसी दिन आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की भी जयंती है। उन्हें भगवान बिरसा भी कहते है। देश में आजादी से पहले इस क्षेत्र से कई आदिवासी नेताओं ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया था। भगवान बिरसा का जन्म वर्ष 1875 में हुआ था। 19वीं सदी में उन्होंने ब्रिटिश राज द्वारा थोपी गई सामंती व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। इस आंदोलन को उलगुलान नाम दिया गया था। उस समय झारखंड बंगाल प्रेसिडेंसी के तहत आता था। भगवान बिरसा ने आदिवासियों को संगठित किया और अंग्रेजों को कर, ब्याज आदि देने से मना कर दिया था।

वर्ष 1900 के जून महीने में बिरसा मुंडा का रांची के कारावास में निधन हो गया था। आदिवासियों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ भगवान बिरसा के संघर्ष का ही नतीजा ही था कि वर्ष 1908 में अंग्रेजी शासन ने छोटानागपुर क्षेत्र में काश्तकारी अधिनियम पारित किया गया था। झारखंड नाम झार और खंड दो शब्दों से मिलकर बना है। इसका अर्थ होता है जंगलों का क्षेत्र। छोटा नागपुर के पठार पर स्थित झारखंड देश का 15वां सबसे बड़ा राज्य है। इसका भौगोलिक क्षेत्र 7,970,000 हेक्टेयर है। राज्य की सीमा उत्तर में बिहार, उत्तर पश्चिम में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में छत्तीसगढ़, दक्षिण में ओडिशा, और पूर्व में पश्चिम बंगाल से लगती है। राज्य के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा- ”झारखंड के सभी निवासियों को राज्य स्थापना दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। अपनी विशिष्ट संस्कृति के साथ ऐतिहासिक पहचान रखने वाली भगवान बिरसा मुंडा की यह धरती विकास यात्रा में आगे बढ़े, यही कामना है”।