कैसे भूमि माफिया जिला प्रशासन के आदेश को खुली चुनौती देते हैं और सरकारी जमीन पर लगे जिला प्रशासन के सरकारी बोर्ड को उखाड़ फेंक देते हैं l मानो ना तो इन्हे शासन ना तो प्रशासन किन्हीं से डर नहीं लगता हो l भूमि माफियाओं कि दबिश किस प्रकार से झारखंड के रामगढ़ में बढ़ती जा रही है इसको आप रामगढ़ के दैनिक भास्कर के 05 जनवरी 2023 को तीसरे पन्ने पर छपी खबर से सहज अनुमान लगा सकते हैं की भूमि माफियाओं की गिद्र दृष्टि और उनकी दबंगई को दिखाता रामगढ़ अंचल क्षेत्र में इन दिनों सरकारी और गैर मजरूआ जमीन पर कब्जा कर बेचने का कारोबार चर्चा में है l भू-माफिया सरकारी बोर्ड को तोड़कर हटा दे रहे हैं, वही चिन्हित सरकारी सीमांकन को भी बदल दिया जा रहा हैl ताकि सरकारी जमीन को आसानी से बचा जा सके l ऐसा ही वाक्या रामगढ़ अंचल के नई सराय मौजा में सामने आया है जहां पिछले साल नई सराय मौजा के खाता एक प्लॉट 215 रखवा, करीब 04 एकड़ 56 डिसमिल जमीन में जिला प्रशासन ने सरकारी भूमि का बोर्ड लगाया था l जिसे तोड़कर हटा दिया गया हैl सरकारी बोर्ड के तोड़े जाने की चर्चा है जमीन बेचने की तैयारी की जा रही हैl कुछ महीने पहले इसी जमीन पर बुनियाद भी काटी गई थी l इस भास्कर अखबार के खबर अनुसार लोगों के मुताबिक कैंटोनमेंट बोर्ड ने भी अपने वार्ड नंबर 2 के क्षेत्र का भी सीमांकन किया है इस सीमांकन को भी आगे पीछे कर सीमांकन को बदल दिया गया है लोगों के मुताबिक वन विभाग की भी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है अब इस सरकारी जमीन को बेचने की तैयारी हैं l
आप जरा पढ़ ले कि इस बोर्ड में क्या लिखा हुआ है जिला प्रशासन ने नईसराय मौजा की 04 एकड़ 56 डिसमिल जमीन पर सरकारी भूमि का बोर्ड लगाकर लिखा है कि यह सरकारी भूमि है इस भूमि पर किसी भी निर्माण कार्य, अतिक्रमण और खरीद बिक्री करना गैर कानूनी है इस पर अवैध रूप से निर्माण व खरीद बिक्री करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगीl लेकिन फिर भी इस बोर्ड को उखाड़ कर फेंक दिया गया है l
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