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उत्तराखंड त्रासदी के बाद छलका उमा का दर्द ! कहा- मंत्री रहते कई बार चेताया, लेकिन कोई नहीं सुनता

भोपाल: उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही को लेकर पूर्व जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने दुख व्यक्त किया है।

गंगा और सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट खतरनाक

उमा भारती ने जल संसाधन मंत्री रहते हुए घटना को लेकर चेताया था कि हिमालय एक बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र है। बांधों के बारे में उस दौरान ऐफिडेविट दिया था। उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है इसलिए गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नहीं बनने चाहिए।

उमा भारती ने कहा कि वह इस प्राकृतिक घटना से बहुत दुखी हैं। उत्तराखंड देवभूमि है। वहां के लोग बहुत कठिनाई  भरा जीवन जी कर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते हैं। मैं उन सबकी रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करती हूं।

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि शनिवार को वह उत्तरकाशी में थी और आज हरिद्वार पहुंची हैं। हरिद्वार में अलर्ट जारी हो गया है। ये हादसा भविष्य के लिए चिंता और चेतावनी का विषय है।

बता दें कि चमोली जिले के रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है। धौलीगंगा नदी के जल स्तर में भारी बढ़ोतरी की वजह से जोशीमठ क्षेत्र में लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा है।

करीब 150 लोग लापता

घटना रैणी गांव के पास हुई, जो जोशीमठ से 26 किमी दूर है। हादसे में कई पुल बह गए हैं साथ ही निचले इलाकों में बसे कई गांव के बहने की आशंका है। जानकारी के मुताबिक 100 से 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं।  फिलहाल एनडीआरएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।